मंगलवार, 15 जून 2010

खुशी

खुशी 
मेरी आँखों की कटोरी में तुम्हारा अक्स
जैसे झील में चाँद
मेरे मन के दर्पण में तुम्हारी मुस्कराहट
जैसे पत्ती पर ठहरा
शबनम का कतरा
मेरी ज़िंदगी में तुम जैसे हो अमावस की काली रात में
आशाओं का दीपक